गोबर्धन पूजा का रहस्य
गोवर्धन पूजा पर्व दीपावली के अगले ही दिन मनाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पूरे वृन्दावन को तेज बारिश तूफान से बचाया था ।
आओ इसे विस्तार से समझे -
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है दीपावली के अगले दिन शाम को एक खास पूजा रखी जाती है बताते चलें कि आज के ही दिन भगवान श्री कृष्ण ने स्वर्ग के राजा इंद्र का मान मर्दन कर गोवर्धन की पूजा की थी इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है।
एक दिन सुबह-सुबह गाय के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है यह अलग-अलग मान्यताओं के साथ मनुष्य के आकार का होता है गोवर्धन बनाने के बाद फूल बेल पत्र छोटी-छोटी पेड़ की टहनियों से सजाया जाता है वह शाम के समय धूप,बतासे,खीर व एक दीपक जला कर पूजा की जाती है ।
स्वर्ग के राजा इन्द्र कि मान मर्दन -
शास्त्रों के अनुसार जब राजा इंद्र को अपनी पूजा अथवा शक्ति पर अभिमान हो गया उसे अभिमान था की पृथ्वी पर उसके इशारे पर पूरा कार्य होता है और उसके बदले में पृथ्वी वासी हर वर्ष अपनी श्रद्धा अनुसार मेरी पूजा करते हैं भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन के सभी नागरिकों से बताया कि हमारे अनाज के होने व ना होने का मुख्य उत्तराधिकारी गोवर्धन पर्वत है
गोवर्धन पर्वत के कारण ही आने वाले बादल हमारे यहां बरसते हैं जिससे अच्छी फसल होती है हमें इंद्र की जगह इस गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए भगवान श्री कृष्ण की बात सुनकर सभी वृंदावन वासी गोवर्धन पूजा करने के लिए गोवर्धन पर्वत की तरफ अपने अपने घर से भोजन कपड़े लेकर चल पड़े गोवर्धन पर्वत पर पहुंचने के पश्चात उसकी पूजा करने लगे ।
यह देख राजा इन्द्र को बहुत क्रोध आया उन्हें अपनी पूजा के अलावा गोवर्धन पूजा होती देखी ना जा सकी और क्रोध में आकर अपने अपने मंत्री पवन देवता व जल देवता को भेजकर पूरे वृंदावन को नष्ट भ्रष्ट करने के लिए आदेश दे दिया
राजा इंद्र के आदेश अनुसार जल देवता व वायु देवता ने मिलकर पूरे वृंदावन में घनघोर बारिश तूफान उत्पन्न कर दिया यह देख भगवान श्री कृष्ण ने अपनी उंगली पर पूरे गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और सभी वृंदावन वासियों से कहा आप सभी लोग इस पर्वत के नीचे आ जाएं
हमारी अच्छा यहीं कर सकते हैं भगवान श्री कृष्ण की बात सुनकर सभी वृंदावन वासी गोवर्धन के नीचे शरण ले ली सभी मेघा,तूफान से बचने के लिए पूरे सात दिन तक सभी ब्रन्दावन वासी शरण में रहे!
🙏💥एक बार प्रेम से बोलो गोबर्धन, गिरधर, गिरिराज की जय💥🙏
एक बार फिर गोबर्धन पूजा की ढेरों शुभकामनाएं
धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद आपके इस सुझाव से हमें प्रसन्नता हुई है आपके द्वारा हमें मिला फीडबैक हमारे लिए सौभाग्य की बात है....
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