इनकी माता सरल स्वभाव व धार्मिक प्रवत्ति की ग्रहणी थी जिनको तृप्ता नाम से जाना जाता था इनकी एक बड़ी बहन बेबे नानकी थी । नानक जी बचपन से ही अपने ज्ञान से बड़े-2 शाश्त्रीयों को पराजित कर देते थे जिससे साफ साफ स्पष्ट था कि नानक जी असाधारण बच्चे है |
प्रसंग -
गुरू नानक देव जी के ज्ञान रूपी प्रसाद बाटने के कई प्रसंग सामने मिलते है जैसे- कामरूप देश की रानी, विचित्र आशीर्वाद, ईमानदारी की रोटी, उड़ती चटाई, पित्रृ मोक्ष , मक्का यात्रा, गुरू नानक और नानक, ऐसे ही कयी प्रसंग आज भी मशहूर है ।
अनमोल बचन -
नानक देव के कुछ ऐसे ही अनमोल विचार आज भी हम लोगों को प्रेरित करते रहते हैं जैसे-
१ भगवान है जिसका नाम सत्य है, गुरु नानक जी ने सत्य को भगवान् बताया है |
2 केवल वह बोलो जो आपके लिए सम्मान लेकर आए,
3 दुनिया को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए बिना गुरू किसीका जीवन सफल नही हो सकता |
4 धन सम्पति से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजाओं महाराजाओं की तुलना भी उस चींटी से नही की जा सकती जिसमें ईश्वर के प्रति प्रेम भरा हो ।
5 साथियों हम मौत को बुरा कभी नहीं कहते अगर हमें यह ज्ञात होता कि मरा किसे कहते है
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गुरू नानक जी बड़े ही सरल स्वभाव के समाज सुधारक थे इनकी कयी रचनाएं आज भी जीवन की आधार शिला पर आधारित है जिनमें से प्रमुख रचना मानी जाती है |
जपुजी, तखारी राग के बारह महां
गुरू नानक जी का निधन 22 सितम्बर 1539 को भारत में हुआ था ।
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तो दोस्तो आज गुरु नानक जयंती के शुभ अवसर पर आप सभी के समक्ष ये रखी गयी ये रचना कैसी लगी जरूर बताए
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