समाजवाद आन्दोलन
डा० राम मनोहर लोहिया समाजवाद के सबसे बड़े पैरोकार थे 1960 के दशक की सबसे बड़ी लहर थी समाजवाद दलित और पिछड़े वर्ग को आगे बढ़ाने का पूरा प्रयास करने वाली पहली पार्टी मानी जाती थी जगह जगह रैलियाँ करके जनता को जागरूक करती यह पार्टी उत्तर प्रदेसके कोने कोने में समाई हुई थी जिसमे समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े माने जाने वाले नेता मा० मुलायम सिंह यादव जी ने राजनीती का पहला कदम रखा था .......
मुलायम सिंह का बचपन से लेकर राजनीती तक सफ़र
मुलायम सिंह यादव जी का जन्म 22 नवम्बर 1939 में उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक छोटे गाँव सैफई में हुआ था इनके पिता का नाम सुखर सिंह यादव था इनका परिवार एक साधारण परिवार में से एक था मुलायम सिंह यादव बचपन से कुस्ती ,अखाड़े के सौकीन थे ये अपने दाव पेंच से कई पहलवानों को धराशाही कर देते थे मुलायम सिंह यादव रैलियों में भाग लेना बहुत पसन्द था /
मुलायम सिंह यादव अपनी मात्र 13वर्ष की ऊम्र से ही राजनीती की दिलचस्पी बढ़ा ली थी समाजवाद के द्वारा आन्दोलन की कई रेलिया सैफई से लेकर पुरे उत्तर प्रदेश में होती थी |
सन -1661
बताया जाता है की सन 1961 में सिंचाई को लेकर बहुत किल्लत थी राज्य में बढे हुए दामो को लेकर सरकार के प्रति बहुत आक्रोश था डा० राम मनोहर लोहिया ने उत्तर प्रदेश राज्य में कांग्रेस के खिलाफ एक मुहीम छेड़ी नहर रेट, डा० लोहिया के भाषण से प्रभावित मुलायम सिंह यादव नाहर रेट की रेलियों में सबसे आगे चलने लगे जिससे जनता उनकी तरफ खिचती हुई चली जा रही थी किन्तु कांग्रेस सरकार इस मुहीम से न खुश थी जो इस मुहीम को दबाने के लिए डा ० लोहिया व मुलायम सिंह के साथ तमाम बड़े नेताओ को जेल में डाल दिया |
कुछ दिनों पश्चात् मुलायम सिंह जब जेल से रिहा हुए तो गाँव की जनता ने उन्हें सर आँखों पे बिठा लिया मुलायम सिंह अपनी पढाई पूरी करने के पश्चात प्राइबेट स्कूल में बच्चों को पढाने लगे साथ ही कुस्ती दंगल भी करते थे |
सन- 1967
एक बार स्कूल में कुस्ती करने के पस्चात उनकी मुलाकात नत्थू सिंह जी से हो गयी जो उनकी तरफ काफी आकर्षित हुए थे उन्होंने मुलायम को बुलाकर बात चीत की और विधानसभा का चुनाव लड़ने को कहा सन 1967 में नत्थू सिंह ने विधानसभा का टिकट अपनी जगह मुलायम शिंह जी को दे दिया |
मुलायम सिंह इस सीट को जीतने के लिए अपने भाईयो सहित साईकिल पैर गाँव गाँव जाकर वोट मागने लगे और अपने टिकट पाने का चुनाव प्रचार किया |
सन 1971
अब उनकी लालशा और बढ़ गयी सन 1971 में जोर दार पार्टी के साथ चुनाव हुआ मुलायम का सामना लाखन से था विरोधी इस सामने को हाथी और चूहे का सामना कहते और हसी उड़ाते रहते किन्तु जब वोटो की गिनती हुई तो लाखन को भरोषा नही हो रहा था मुलायम सिंह इस जीत के बाद राज्य के सबसे कम उम्र वाले M.L.A. बन गये यह राजनीती का पहला पड़ाव था इस पड़ाव को पार करके मुलायम सिंह की मुलाकात पिछड़े वर्ग के नेता चरण शिंह से हुई पिछड़े वर्ग तथा किसानो की ताकत बनने के लिए मुलायम चौधरी चरण सिंह के साथ होकर कई दलों में सम्मलित होकर एक भारतीय दल महा गठबंधन बना |
सन -1973
सन 1973 में 28 साल बाद मुलायम के घर में खुशिया लौटी और 1जुलाई 1973 में अखिलेश यादव का जन्म हुआ
एक तरफ एम् ० एल ० ए० तो दूसरी तरफ उनका बेटा अखिलेश |
सन 1977
कांग्रेस के द्वारा लगाये गये आपातकाल के हटने के पश्चात सन 1977 में जब चुनाव हुआ तो मुलायम सिंह यादव फिर विजयी हुए और इस बार जनता पार्टी की तरफ से मंत्री बनाये गये और सहकारिता मंत्री पद की सपथ ग्रहण की मुलायम सिंह यादव के मंत्री बनते ही उनके अन्य भाई भी राजनीती में कदम रखने लगे कोई ब्लाक पर
प्रमुख तो कोई किसी पद पर स्थगित हो गया
मुलायम के सुरक्षा के खातिर उनके सगे भाई शिवपाल यादव ने कमान संभाली |
सन -1987
सन 1987 में चोधरी चरण सिंह के निधन के पश्चात लोकदल पार्टी टूट गयी किन्तु मुलायम सिंह यादव ने बिना मौका गवांये दोनों मोर्चे सँभालने के लिए क्रांति रथ यात्रा आरम्भ कर दी लखनऊ से लेकर हर गाँव गाँव में नारा गूजने लगा जिसका जलवा कायम है , उसका नाम मुलायम है |
सन -1989
बड़ी धूम धाम से चलने वाली रैलियों के बल पर जनता पार्टी के समर्थन से यह चुनाव भी जीत लिया और 5दिसम्बर 1989 में मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्य मंत्री बने |
सन 1990
सन 1990 में बाबरी मस्जिद के धने को लेकर राम भक्त आन्दोलन मंदिर वही बनायेगे को लेकर एक मुहीम भारतीय जनता पार्टी ने छेड दी जिसमे लाखो राम भक्त इकठ्ठा होगये किसी अनहोनी से बचने के लिए मजबूरन फायरिंग करनी पड़ी जिससे कई लोगो की भगदड़ के दौरान मौते हुई जनता ने इस घटना क्रम की रंजिश मानते हुए मुलायम को बिलन मानने लगे और डेढ़ साल में ही मुलायम सरकार गिर गई | दूसरी पार्टी के सहारे रहते रहते उन्हें अपनी पार्टी की कमी महसूस हुई|
सन 1999
मुलायम सिंह यादव सन 1999 में उत्तर प्रदेस के वापसी के दौरान अपने बेटे अखिलेश के राजीनीति में आने का रास्ता खोल दिया यंही से पूरा यादव वंश राजीनीति में नेता जीके साथ चल पड़ा अखिलेश यादव पहली बार कन्नोज से चुनाव की लड़ाई लडी और 58000 से अधिक वोटो से अपने विरोधी को परस्त कर दिया तथा मुलायम सिंह यादव तीसरी बार 2003 मुख्य मंत्री बने |
सन 2012
अब अखिलेश यादव चुनाव के दांव पेच अपने अनुशार चलने के लिए सन 2012 में विधान सभा चुनाव नये तरीके से लड़ने की तयारी सुरु करदी और युवा वर्ग को जोड़ने लगे अबकी बार सामना बसपा और कांग्रेस से था
अखिलेश अपनी तेज तरार रैलियों से अबकी बार 224 सीटो पर जीत हाशिल करली अब फैश्ला रुक गया मुख्य मंत्री बन्ने का तो सबने अखिलेश यादव की और इशारा किया किन्तु इस फैसले से चाचा शिवपाल न खुस थे किन्तु मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को मुख्य मंत्री बना दिया ये सबसे कम उम्र के पहले मुख्य मंत्री थे चचा की नाराजगी तथा बेटे की जिद के कारन बताया जाता है की 2017 का चुनाव समाजवादी पार्टी को हारना पडा था
सन 2022
पूर्व मुख्य मंत्री जी ने इस 2022 के चुनाव में ३०० से अधिक सीटो पर विजय प्राप्त करने का एलान किया है और कई पार्टीयो से अपने समर्थन के लिए अपील की इस 2022 के चुनाव का नतीजा 10 मार्च को आना तय किया गया था किन्तु इस बार भी समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा
धरती पुत्र मुलायम जी का निधन
बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि समाज वादी पार्टी प्रमुख नेता श्री मुलायम सिंह यादव जी का आज दिनांक 10/10/2022 निधन हो गया है धरती पुत्र मुलायम के निधन पश्चात समाज वादी पार्टी के कार्य कर्ताओ के साथ साथ राजनीतिक पार्टी में भी शोक की लहर है ऐसा माना जाता इस विपदा से समाज वादी पार्टी का एक युग आज समाप्त हो गया ....
इन्ही शब्दों से एक बार मा०मुलायम सिंह यादव जी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं साथ ही ईश्वर से कामना करता हूँ भगवान इनकी आत्मा को शांति प्रदान करें......
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आप सभी से निवेदन है की यह अवश्य बताये 2022 के चुनाव में आप किसके साथ थे!
MO.9721336203
बहुत दुःखद 😥
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आपके इस सुझाव से हमें प्रसन्नता हुई है आपके द्वारा हमें मिला फीडबैक हमारे लिए सौभाग्य की बात है....
आप हमारी सभी पोस्ट को अवश्य देखें अपने दोस्तों को भी भेजें...