होलिका दहन मिलन चुलन HOLI

क्षण भर चरण को पा जाऊ तो, श्याम तेरे रंग रंग जाऊ 
मीरा सा दीवाना बनकर ,कृष्ण तेरे कीर्तन गाऊ 

भारत में हिन्दुओ के बड़े त्यौहार होली और दीपावली माने जाती है ये दोनों त्यौहार साफ़ सफाई के साथ साथ बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है | होली रंगों का त्यौहार माना जाता है होली कई तरह की खुशियों को लेकर माना जाता है होली का त्यौहार भारत के उत्तरी क्षेत्र में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है होली के त्यौहार का जितना सम्बन्ध रंगों से है उतना ही सम्बन्ध शास्त्रों पुरानो से भी है  जैसे होलिका दहन |

होली

होलिका दहन --

होलिका दहन का दिन वो दिन माना जाता है जिस दिन होली जलाई जाती हैकुछ जगह इसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है होलिका दहन का वर्णन कई पुरानो में पाया गया है जैसे विष्णु पूराण ,,,विष्णु पुराण में  अशुर हरिन्यकश्यप की की कहानी आती है एसा बताया गया है की हरिन्यकश्यप अपने भाई हरिनाक्ष्य का बदला भगवान विष्णु से  लेने के लिए ब्रम्हा जी  से अमर होने के लिए  बरदान चाहता था|

जिसके लिए कई वर्षो तक घनघोर तपश्या की हरिनाकश्यप की तपस्या से ब्रम्ह देव प्रशन्न होकर प्रकट हुए तथा हरिनाकश्यप से बरदान मांगने को कहा तब असुर ने ब्रम्हा जी से अमर होने के लिए वरदान मांगता है तो ब्रम्ह देव कहते है ये वरदान में नही दे सकता ये श्रष्टि के विपरीत है तुम कोई दूसरा वरदान मांग लो हरिनाकश्यप ने अपनी इच्छा न बदल कर वरदान में कहा हे|

हे ब्रम्ह देव तुम मुझे ये वरदान दो की मुझे न तो कोई नर मार सके और न ही देवता,, न कोई मुझे अश्त्र से मार सके ना सश्त्रसे ,, न कोई मुझे दिन में मार सके न रात में,,, ,न कोई मुझे आकाश में मार सके और न ही प्रथ्वी पर ,, न मुझे घर के अन्दर मार सके और न ही घर के बाहर इशी तरह के कई वरदान मांगे तो ब्रम्ह देव ने तथास्तु कह कर अंतर्ध्यान हो गये |
सफ़र

हरिनाकश्यप इतना दुराचारी था की इन वरदानो को प्राप्त कर प्रथ्वी से लेकर स्वर्ग तक सबको परेशान करने लगा और अपनी पूजा भगवान विष्णु की तरह जबरन करवाने लगा हर जगह उत्पात करने लगा साथ ही साधू संतो को अपना नौकर बनता न मानने पर उन्हें कारागार में डाल देता |पर विधि का विधान तो कोई नही जनता कुछ ही दिन बीतेकी उनके घर परमात्मा पर पूर्ण विशवास करने वाला पुत्र जन्म लेता है |

ये पुत्र इतना धर्मात्मा था की भगवान् विष्णु को अपना भगवान मानने लगा अपने पिता का विरोध कर श्री हरी का गुणगान करता अपने पुत्र के इस कृत्य से काफी परेशान होकर उसे  प्रताड़ित करता और  अपने पिता की  पूजा करने पर विवश करता अहंकारी हरिनाकश्यप की बात जब नही मानता तो उसे जलते तेल में डाल देते पर उसके पुत्र को अपने हरी पर इतना विशवास था की कंही भी हँसते 2 बैठ जाता बस इशिलिये खोलता तेल फूल बन जाते थे |

 हरिनाकश्यप के पुत्र का नाम था भक्त प्रहलाद ,,,,भक्त प्रहलाद से जब जब हरिनाकश्यप परेशान होता तो अपनी बहन होलिका से कहता |अपने भाई की मदद करने के लिए होलिका एक बार बोली भाई जो मेरे दुश्मन का गुणगान करता है वो हमारा दुश्मन है क्यों न हम इसे अपनी आग की लपटों से जलादे हरिनाकश्यप अपनी बहन से प्रसन्न होकर बोला हा ठीक है कल सुबह इसे सबके सामने जलाओ जिससे और भी लोगो को पता चले मेरे दुसमन को पूजने वाले को क्या सजा मिलती है |


भक्त प्रहलाद

प्रातः समय सब इकठा हुए होलिका भक्त प्रहलाद को लेकर एक बड़े लकड़ी के ढेर पर बैठ गयी जैसे ही अग्नि उत्पन्न होती है वैसे ही भक्त अपने श्री हरी को याद करने लगता है देखते ही देखते होलिका उन्ही लकडियो के साथ जलकर बस्म हो जाती है और प्रहलाद बच जाता है और फिर भगवान् विष्णु के प्रति सभी का आत्म विशवास और बढ़ जाता है तब से ही बुराई पर अच्छाई का प्रतीक यह त्यौहार होलिका दहन के नाम से मनाया जाने लगा ||

मिलन चुलन -

होली के इस रंगा रंग त्यौहार के साथ मनायी जाने वाली मिलन चुलन की प्रथा भी भारत के उत्तरी ,कई क्षेत्र में बड़ी धूम धाम से मनायी जाती है इससे भी दो तरह के सम्बन्ध जुड़े है एक कृष्ण की रास लीला व कंश वध तथा दूसरी विष्णु पूराण में हरिनाकश्यप के वध की|

मिलन चुलन

कंश वध -

एसा बताया गया है की कंश के अत्याचार से पूरा मथुरा  वृन्दावन परेशां था जब भगवान क्रिशन ने कंश का वध किया तो पूरा बरसाना ,मथुरा होली के साथ साथ गले लगकर मिठाई खिलाकर खुशिया मनायी 

हरिनाकश्यप वध -

हरिनाकश्यप का वध जब भगवान् विष्णु ने नरसिंह बनकर किया तो सभी राज्य के लोगो ने खुशिया मनायी और गले लगकर मिटाई खिलाई 

आओ कान्हा खेले होली होती जा रही  देरी है , वृन्दावन के रंगों में आज भी प्रतिमा तेरी है |


आप सभी को सौरभ की तरफ से होली के इस रंगों भरे त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेरो BADHAINYA
----------धन्यवाद ---------
रंग प्यारा राधा को तेरा ,कीर्तन प्यारा मीरा को |कभी तो दर्शन दे दो कान्हा कुछ तो मिले तकदीर को ||
मेरा वाट .. no . 9721336203 
मेरा फेसबुक KKLSAURABH,COM है 

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

बहुत बहुत धन्यवाद आपके इस सुझाव से हमें प्रसन्नता हुई है आपके द्वारा हमें मिला फीडबैक हमारे लिए सौभाग्य की बात है....
आप हमारी सभी पोस्ट को अवश्य देखें अपने दोस्तों को भी भेजें...