भारत में जब जब महिलाओं के प्रति अप्रिय शब्द कहे जाते है तब-तब महिलाएँ भारत की शेरनी श्रीमती इंदिरा गांधी की मिसाल देकर उन सभी के मुंह पर थप्पड़ जड़ने जैसा जवाब देती है |आज हम जानेंगे भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री पद पर कईबार चुनी जाने वाली पापुलर लेडी इंदिरा गांधी जी को...
जीवन परिचय
भारत की शेरनी श्रीमती इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को प्रतिष्ठित व सुप्रसिद्ध परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरु था जो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे इनकी माता का नाम कमला नेहरू था श्रीमती इंदिरा गांधी ने विश्व भारती जिनेवा, पूना और बंबई, इकोले नौ वेल्ले, बेक्स ( स्विट्जरलैंड) आक्सफोर्ड, शांतिनिकेतन जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की इन्हें विश्व के सुप्रसिद्ध विश्वविद्यालय द्वारा डारेक्टर जैसी बड़ी उपाधियों से सम्मानित किया गया अच्छी शैक्षिक योग्यता के कारण इन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा विशेष योग्यता प्रमाण पत्र दिया गया|
वानर सेना
प्रिय दर्शनीय इंदिरा गांधी ने युवा लड़के लड़कियों के लिए एक वानर सेना बनाई जिसने विरोध प्रदर्शन और झंडा जुलूस के साथ साथ कांग्रेस के नेताओ की मदद में संवेदनशील भूमिका निभाई थी इनकी माता कमला नेहरू सन 1936 में तपेदिक नामक बिमारी से लम्बें संघर्ष के बाद स्वर्ग सिधार गयी तब इंदिरा गांधी मात्र 18 वर्ष की थी |
राजनीति में पहला कदम
परिवार की लोकप्रियता व अच्छी योग्यता के आधार पर जनता जनार्दन के बीच में अच्छी राजनेता के नजरिए से देखा जाने लगा सन 1959 और 1960 के दौरान चुनाव जीत कर इन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुन लिया गया इनका यह कार्य काल घटना विहीन माना गया क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार का हड़कंप व विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ था |
विवाह
इंदिरा गांधी जब इंडियन नेशनल कांग्रेस की सदस्य बनी तो उनकी मुलाकात फिरोज गांधी से हो गई फिरोज गांधी तब एक पत्रकार और यूथ कांग्रेस के महत्वपूर्ण सदस्य थे सन 1941 में अपने पिता के बिना मर्जी इंदिरा ने फिरोज से विवाह कर लिया और उनके संसर्ग से दो पुत्रों को जन्म दिया (1)राजीव गांधी (2) संजय गांधी इंदिरा का विवाह फिरोज से जरूर हुआ लेकिन इससे राजनीतिक दल बिल्कुल खुश नहीं थे |
फिरोज तथा महात्मा गांधी का कोई संबंध नहीं था महात्मा गांधी ने केवल राजनीतिक छवि बनाए रखने के लिए इंदिरा को गांधी लगाने का सुझाव दिया था| पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन 27 मई 1964 को हो गया था इस घटना के उपरांत इंदिरा गांधी अपने नए प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रेरणा पर चुनाव लड़ी जिसके बाद इन्हें तत्काल सूचना और प्रसारण मंत्री के लिए नियुक्त कर दिया गया|
प्रधानमंत्री पद तथा राजनीति में सफलता
नेहरू जी का मानना था कि उन्हें मां दुर्गा बेटी के रूप में मिली है इसलिए नेहरू ने अपनी बेटी को इंदिरा गांधी नाम दिया था सन 1966 मैं लौह भारतीय प्रथम महिला इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री के पद की शपथ लेती है कुछ दिनों बाद कांग्रेस दो गुटों में विभाजित हो गया एक गुट समाजवादी तथा दूसरा रूढ़िवादी ,रूढ़िवादी का नेतृत्व करने वाले मोरारजी देसाई प्रदर्शनी (इंदिरा गाँधी ) को गूंगी गुड़िया कहा करते थे|
पाकिस्तान युद्ध नये बंग्लादेश का गठन
सन 1971 में बांग्लादेशीयों की समस्या हल करने के लिए उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान पर भारत पाकिस्तान युद्ध घोषित कर दिया 1972 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के अधीन अमेरिका जैसे देश अपने सातवें बेड़े को अतिरिक्त समस्या दिखाकर बंगाल की खाड़ी में भेज दिया इस प्रथम विश्व युद्ध से भारत काफी विमुख कर दिया गया प्रधानमंत्री पद पर विराजमान प्रदर्शनी इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति को नई दिशा दी तथा भारत पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की निर्णायक जीत के बाद में नए बांग्लादेश का गठन हुआ|
परमाणु विस्फोट निवारण
सन 1971 के युद्ध के बाद जनवादी चीन गणराज्य से परमाणु खतरा महसूस होता दिखाई देने लगा चीन के साथ-साथ दो प्रमुख महाशक्तियां भी अपना बोलबाला करने के लिए भारत को अन्य नजरों से देखने लगे तब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने परमाणु विस्फोट शक्ति को पाने के लिए राष्ट्रीय परमाणु कार्यक्रम पर कार्य करना आरंभ कर दिया अंततः 1974 में स्माइलिंग बुद्धा के नाम से परमाणु परीक्षण संस्थान के रेगिस्तान में बसे गांव पोखरण में परीक्षण किया गया जिसमें परमाणु विस्फोटक पर सफलता मिली| इस सफलता के बाद भारत विश्व की सबसे नवीनतम परमाणु शक्तिधर बन गया |
हरित क्रांति
हरित क्रांति को जानने के लिए कुछ समय पीछे जाना होगा सन 1960 के दशक में भारत की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई खाद्य सबंधी समस्याएं चरम सीमा पार कर रहीं थी तब भारत खाद्य की कमी को मूलता गेहूं, चावल,कपास और दूध को अतिरिक्त उत्पादन में बदल दिया वह भी बिना संयुक्त राज्य से निर्भर हुए इस उपलब्धि को अपने वाणिज्यिक फसल उत्पादन के विविधीकरण के साथ हरित क्रांति के नाम से जाना जाता है हरित क्रांति चार चरणों पर आधारित थी|
1-नई किस्मों के बीज
2- स्वीकृत भारतीय कृषि के रासायनिक करण की आवश्यकता को स्वीकृति जैसे कि उर्वरकों कीटनाशकों घास फूस इत्यादि के निवारण
3- नई और बेहतर मौजूदा बीज किसानों को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान की प्रतिबद्धता
4- भूमि अनुदान कालेजों के रूप में कृत संस्थानों के विकास की वैज्ञानिक अवधारणा
हरित क्रांति के लागू होने के बाद 10 वर्षों में गेहूं उत्पादन में 3 गुना वृद्धि आंकी गयी चावल के उत्पादन में भी वृद्धि आंकी गई अन्य खाद्यान्न संबंधी वस्तुओं में भी बढ़ोतरी हुई |
गरीबी हटाओ
इंदिरा गांधी की सरकार में सन 1972 के जबरदस्त जनादेश के बाद कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा कांग्रेस पार्टी के विभाजन के फलस्वरूप गांधी सरकार कमजोर पड़ गई थी सन 1971 के चुनाव की तैयारी मैं गांधी ने गरीबी हटाओ जैसे प्रमुख विषय को नारे में तब्दील कर दिया इसके तहत शहरी एवं ग्रामीण गरीबों का समर्थन मिलना प्रारंभ हो गया चुनाव जोरों पर था परंतु गरीबी हटाओ के फल स्वरुप गरीबों को कोई भी लाभ नहीं मिला था|
बैंकों का राष्ट्रीयकरण
प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त इंदिरा गांधी ने सन 1969 में वाणिज्यिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण उस अवधि में लिए गए महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णयों में से एक था यह काम अत्यंत फलदाई साबित हुआ जिसमें बैंकों की भौगोलिक कवरेज 8200 से बढ़कर 62000 हो गई जिसके परिणाम स्वरूप घरेलू क्षेत्र से बचत में वृद्धि हुई और कृषि क्षेत्र और छोटे मध्यम आकार के उद्योगपतियों का उद्गम में निवेश हुआ |
भारत की आपातकालीन स्थिति 1975 से 1977
इंदिरा गांधी ने व्यवस्था को पुनर्स्थापित करने के फलस्वरूप अशांति मचाने वाले विरोधियों को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया जिसके बाद उनके मंत्रिमंडल और सरकार द्वारा इस बात की सिफारिश की गई लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद फैली अव्यवस्था और अराजकता को देखते हुए आपातकालीन स्थिति का आदेश दे दिया गया आपातकालीन स्थिति की घोषणा धारा 352 के प्रावधान में आती है|
हत्या
ऐसा माना जाता है दो सिक्ख एक सतवंत सिंह और बेअंत सिंह का हाथ था इंदिरा गांधी की हत्या में घटना दिनांक 31 अक्टूबर सन 1984 की है इंदिरा गांधी अपने अंग रक्षकों के साथ थी प्रधानमंत्री आवास के बगीचे में उनकी हत्या कर दी गई यह बगीचा नई दिल्ली सफदरजंग रोड पर है इनकी हत्या से पूरे देश में हड़कंप मच गया तथा इनका अंतिम संस्कार 3 नवंबर को राजघाट में हुआ था इस हत्या का सबूत पोस्टमार्टम होने के बाद मिला तब पता चला कि इनके शरीर में 31 बुलेट लगी थी इनकी हत्या के समय उनकी उम्र मात्र 66 वर्ष थी |
सुप्रसिद्ध भाषण
श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने अपने भाषण में कहा ''मैं आज यहां हूं कल शायद यहां ना रहूं मुझे चिंता नहीं मैं रहूं या ना रहूं मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना पूरा जीवन अपने लोगों की सेवा में बिताया है मैं अपनी आखरी सांस तक ऐसा करती रहूंगी और जब मैं मरूंगी तो मेरे खून का एक-एक कतरा भारत को मजबूत करने में लगेगा यह शब्द उनके निधन के पश्चात हर भारतवासी के दिलों में छा गया |
प्रश्नोत्तर:-
1- इंदिरा गांधी किसकी पुत्री थी ?
उ - इंदिरा गांधी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी थी|
2 - इंदिरा गांधी को मारने वाले सिक्खों के क्या नाम थे?
उत्तर - 1सतवंत सिंह 2-बेअंत सिंह जो इनके ही अंग रक्षक थे |
3-इंदिरा गांधी ने देश के लिए क्या किया?
उत्तर - इंदिरा गांधी ने देश के लिए नई-नई योजनाओं से भारत को एक नये स्थान पर पहुंचाया जैसे बैंकों का राष्ट्रीयकरण ,हरित क्रांति, नहर योजना तथा गरीबी हटाओ जैसे नए नए कार्य किए व पाकिस्तान पर भारत की निर्णायक जीत परमाणु शक्ति से भारत को प्रमुख महा शक्तियों में शामिल होना, इत्यादि|
4-इंदिरा गांधी भारत प्रधानमंत्री कब बनी?
उत्तर -इंदिरा गांधी प्रथम महिला प्रधानमंत्री 1966 में बनी|
5- इंदिरा गांधी की हत्या का क्या कारण था ?
उत्तर - इंदिरा गांधी की सिखों द्वारा की जाने वाली इस हत्या का प्रमुख कारण था ऑपरेशन ब्लू स्टार|
6-इंदिरा गांधी के निधन के पश्चात भारत का प्रधानमंत्री कौन बना?
उत्तर - इंदिरा गांधी की हत्या हो जाने के बाद भारत में काफी हड़कंप मच गया तब उनके ही बेटे राजीव गांधी को भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया|
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