अटल बिहारी वाजपेयी जीवनी PM Atal bihari Biography Hindi

जिसके मुख से स्वर निकले और कविता बन जाती हो... 
जो देखे विचलित मार्ग सत्य का और संसद ठन जाती हो... 
भारत माँ की जय करने में जो नहीं कभी पीछे हटते.. 
ऐसे दिव्य अटल जी की अब यादगार बन जाती है..... 

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद तीन-तीन बार भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने वाले बहु प्रतिभाशाली भारतरत्न अटल बिहारी बाजपेयी जी की बात करने वाले हैं आओ उनके जीवन में आने वाले उतार चढ़ाव व उनके द्वारा किये गये सामाजिक कार्य तथा अनमोल विचार जानें... 
अटल बिहारी वाजपेयी जी का जीवन परिचय

जीवनी अटल बिहारी वाजपेयी जी की

भारत के राज्य मध्यप्रदेश में ग्वालियर जिले के छोटे से कस्बे में एक मध्यमवर्गीय परिवार में 25 दिसम्बर 1924 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व० श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म हुआ था इनके पिता का नाम श्रीकृष्णा बिहारी था तथा इनकी माता का नाम कृष्णा देवी था |

अटल बिहारी वाजपेयी के सगे 7 भाई बहन थे तथा इनकी माता ग्रहणी व इनके पिता कवि होने के साथ-साथ एक स्कूल के अध्यापक थे अटल जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्रावस्ती विद्यालय से प्रारम्भ की तथा लक्ष्मीबाई डिग्री कालेज से ग्रेजुएशन पूरा किया|

ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन कानपुर के मशहूर D.A.V.V COLLEGE में इकोनॉमिक विषय से पूरा किया इसके बाद उनका मन (घर के खर्चे से) विचलित होने लगा और आगे की पढ़ाई नहीं कर सके लेकिन आर एस एस द्वारा पब्लिश मैगज़ीन में एक अच्छी एडिटर पर अपना काम करने लगे जिसके बाद अटल बिहारी बाजपेई अच्छे पत्रकार के रूप में जाने जाने लगे अटल जी बड़े-बड़े नेताओं के साथ मिलकर देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़े हैं और अपने सच्चे देशभक्त होने का परिचय दिया है|

अटल जी का राजनीतिक सफर

अटल बिहारी जी एक अच्छे पत्रकार होने के नाते उन्हें सत्य से काफी लगाव था सन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन मैं बड़े नेताओं के साथ जब भाग लिया तो उन्हें राजनीति में दिलचस्पी बढ़ने लगी इस आंदोलन के विरोधियों ने अटल जी व उनके साथ-साथ बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया इनकी मुलाकात इसी दौरान श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी से हुई जो भारतीय जनसंघ के लीडर थे श्यामा जी से मिलने के बाद अटल जी ने कई राजनीतिक दांवपेच सीखे साथ ही अपनी कविता से जनसमूह को आकर्षित करने लगे|

श्याम प्रसाद जी की हालत ठीक ना होने पर श्याम प्रसाद जी ने अपना पूरा कार्य अटल जी को सौंप दिया कुछ दिनों उपरांत श्याम प्रसाद जी का निधन हो गया तब से भारतीय जनसंघ के लीडर अटल जी बन गए और इस पार्टी को को पूरे देश में फैलाने का काम किया|

1- बलरामपुर में पार्लियामेंट मेंबर के रूप में उस उम्र में चुन लिए गए जब वह युवा थे बात 1954 की है जब अटल बिहारी को राजनीति में आदर सम्मान मिलने लगा था|

2- पंडित दीनदयाल उपाध्याय के निधन उपरांत अटल बिहारी बाजपेई जी 1968 में जन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए जिसके बाद बड़े-बड़े नेताओं के साथ मिलकर अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने में कड़ी मेहनत की|

3- 1977 में चाइना व पाकिस्तान के चल रहे दौरे में जाकर भारत के संबंध मजबूत बनाने का प्रस्ताव रखा|

4- पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने जब 1979 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया तब अटल जी की पार्टी बिखरने लगी तब अपनी कड़ी मेहनत से लालकृष्ण आडवाणी व भैरव शेखावत के योगदान से भारतीय जनता पार्टी का निर्माण किया और अध्यक्ष बन गए भारतीय जनता पार्टी का निर्माण 1980 में किया|

5- 5 वर्ष तक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में भारतीय जनता पार्टी का कार्यभार संभालते हुए 1984 का चुनाव लड़ा इस बार फिर पार्टी को बड़ा योगदान मिला और 88 सीटों की बढ़त बना ली इस बार केवल भारतीय जनता पार्टी विपक्षी से 2 सीटों से पीछे रह गई थी|

6- 1991 में 13 का हंगामा शुरू हुआ और पार्लियामेंट के चुनाव में बीजेपी ने पूरे जोर-शोर से जनता को एकाग्र कर लिया और इस भारतीय जनता पार्टी को 120 सीटें मिली|

7- भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष 1993 में संसद के विपक्ष लीडर बनकर नई-नई योजनाएं बनाई फिर 1995 में अटल जी को प्रधानमंत्री का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया और यह बड़े नेताओं में गिने जाने लगे|
अटल बिहारी वाजपेयी

अटल जी का सफर प्रधानमंत्री बनने का

विपक्षियों का पसीना छुड़ाने वाली पार्टी 1996 में मात्र एक भारतीय जनता पार्टी थी 1996 में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली और अटल बिहारी बाजपेई जी को प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई गई इस बड़ी जीत के बाद विरोधी हक्का-बक्का हो गए और इनका सपोर्ट देने वाली पार्टियों को तोड़ने लगी जिससे पार्टी गिर गई और अटल जी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया|

सन 1996 से 1998 के बीच विरोधी पार्टियां आई और उन्हें भी सपोर्ट न मिलने से वह पार्टियां भी गिर गई जिसके बाद बीजेपी फिर 13 महीने सत्ता में रही और फिर अटल बिहारी जी राजनीति के चक्र को चलने दिया|

सन 1999 मैं कारगिल युद्ध हुआ जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच खूब गोलीबारी हुई खून खराबा हुआ लेकिन अंत में जीत भारत को मिली इस भारतीय सेना को जीत मिलने के बाद अटल जी की छवि अच्छे राजनेता के रूप में तब्दील हो गई और उनकी पार्टी मजबूत होती चली गई|

कारगिल युद्ध से प्रभावित हुए हर भारतवासी के दिलों में अटल जी राज करने लगे और फिर से हुए चुनाव में अटल जी भारी मतों से विजई बनाएं गए जिसके बाद अपने करियर में वह तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की|

भारतीय जनता पार्टी के सन 2000 वाले चुनाव को जीतने के बाद माननीय पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत को विकास की तरफ ले जाने के लिए अनेकों योजनाओं का शुभारंभ किया उन्होंने आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए प्राइवेट सेक्टरों को आगे बढ़ाने के साथ ही हाईवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर गांव व शहर की सड़कों का निर्माण कराए जाने की योजनाओं का आरंभ किया|

प्रधानमंत्री द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं से प्रभावित हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर आए जिससे दोनों देशों में मित्रता बढ़ गई|

भारत के प्रधानमंत्री अटल जी ने 2001 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को आमंत्रित किया और प्रस्ताव रखा कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तो को सुधार किया जाए|

अटल सरकार नहीं शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सन 2001 में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के प्रयासों से किसानों की आय में भी इजाफा हुआ जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था ने अच्छा खासा ग्रोथ देखने को मिला|

प्रधानमंत्री अटल जी के विश्वास को व पार्टी की समानता बनाएं रखने के लिए तन 2004 में कांग्रेस के पार्टी विजई होने पर प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया प्रधानमंत्री ने अपने पद का इस्तीफा देने के बाद 2005 में रिटायरमेंट की घोषणा कर दी जिसके बाद अटल जी ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था|

अटल जी के सराहनीय कार्य

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेई जी ने अपने पद की शपथ ग्रहण की इसके उपरांत अटल जी ने 1948 में राजस्थान के पोखरण में न्यूक्लियर का सफल प्रशिक्षण कर देश विदेश में भारत की शान का परचम लहरा दिया|

अटल जी के नेतृत्व में कई योजनाओं का शिलान्यास हुआ जिसमें सड़कों का डेवलपमेंट प्रोजेक्ट सफल हुआ जिससे बड़े-बड़े शहरों व गांवों में सड़क के देखने को मिली थी|आतंकवाद के खात्मे व कारगिल युद्ध के निपटारे से उनकी कूटनीति लीडरशिप ने सभी को प्रभावित किया था|

किसानों की आय में इजाफा व आर्थिक सुधार से भारत में प्रधानमंत्री की छवि उभर कर जनता के सामने आई थी|

अटल बिहारी वाजपेई जी को सम्मान व अवार्ड

देश में देश के लिए अच्छे कार्यों को करने के लिए तन 1992 में अटल जी को पदम विभूषण से सम्मानित किया गया था|

पदम विभूषण के बाद सन 1994 में उन्हें बेस्ट सांसद अवार्ड दिया गया|

अटल बिहारी बाजपेई जी को सन 2014 में भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया गया भारत रत्न से सम्मानित करने वाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पहली बार राष्ट्रपति के प्रोटोकॉल को तोड़कर अटल जी के जन्मदिवस पर उनके निवास पर जाकर यह सम्मान प्रदान किया था|

प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की राजनीति को बड़े-बड़े राजनेता लोहा मानते हैं स्वयं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी अटल जी को राजनीति का भीष्म पितामह कहते थे|

अटल जी अपने देश में अलग-अलग राज्यों से सांसद रह चुके हैं जैसे गुजरात उत्तर प्रदेश दिल्ली मध्य प्रदेश|

अटल जी के शौक

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई जी को कविता करने का शौक था संगीत सुनने का शौक था सामाजिक कार्यों को करने का शौक था उनके पसंदीदा गायक मोहम्मद रफी और मुकेश जी थे वह लता जी के संगीत भी सुनकर मंत्रमुग्ध हो जाते थे अटल जी ने विवाह नहीं किया था उन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन किया व गोद ली हुई बेटी को पाला पोसा जिनका नाम नमिता नंदिता है|

अटल जी का निधन 

करीब 93 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में 16 अगस्त 2018 को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई जी का निधन हो गया था बताया जाता है उन्हें निमोनिया जैसी बीमारियों ने प्राप्त कर दिया था|

2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी को उस टॉक नामक बीमारी से लड़ना पड़ा था जिसके बाद से ही उनको बीमारियों से जूझना पड़ा और अंत में दो हजार अट्ठारह में पंचतत्व में विलीन हो गए|

अटल जी के निधन पर राष्ट्रीय शोक

भारत रत्न से सम्मानित राजनेता अटल जी के निधन उपरांत पूरे देश व राजनेताओं व अन्य सभी पार्टियों में शोक छा गया था जिसके बाद भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा पूरे देश में सात दिवस का राष्ट्रीय शोक मनाया गया यह शोक दिवस 16 अगस्त से 22 अगस्त 2018 तक रहा था इन दिनों हमारा राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया गया था कई राज्यों में 2 दिनों का अवकाश भी हुआ था जैसे हिमाचल प्रदेश.. |
अटल जी ने कहा था पार्टियां आएंगी जाएंगी बनेंगी बिछड़ेंगी पर हमारा लोकतंत्र बचा रहना चाहिए, ,,,,

अटल बिहारी वाजपेई जी के अनमोल विचार

1- मन हार कर कभी मैदान नहीं जीते जाते, ,,, 
2- छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता टूटे मन से कोई खड़ा नहीं हो सकता, ,, 
3- अपने जीवन रूपी फूल को पूरी ताकत के साथ खिलाएं
4- मनुष्य को चाहिए कि हर परिस्थिति से लड़े एक स्वप्न टूटे तो दूसरा गढ़.. 
5- परमात्मा भी आकर हमसे कहे कि छुआछूत मानो तो मैं ऐसे परमात्मा को मानने के लिए तैयार नहीं होगा परंतु परमात्मा ऐसा कभी नहीं कहेगा

6- भारत कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ एक राष्ट्र है अनेक राष्ट्रीयताओं का समूह नहीं... 
7- हमें जलना होगा, गलना होगा, कदम मिलाकर चलना होगा
8- निराशा की अमावस के अंधकार में हम अपना मस्तक आत्म गौरव के साथ तनिक ऊंचा उठाकर देखें, , , 
9- हमारे पड़ोसी कहते हैं एक हाथ से ताली नहीं बजती लेकिन हमने कहा चुटकी तो बज सकती है! 
10- अपना देश एक मंदिर है हम पुजारी हैं, राष्ट्र देव की पूजा में हमें अपने आप को समर्पित कर देना चाहिए,, 

प्रश्नोत्तरी:-

*अटल बिहारी वाजपेयी जी क्यों प्रसिद्ध है? 

उत्तर:-  अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनेता के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष थे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे वे अपनी कार्य विधि एवं तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथग्रहण कर भारत में नयी- नयी योजनाओं का शुभारंभ करने के कारण प्रसिद्ध थे वे अपने भाषण में जनता को आकर्षित करने के लिए कहीं से भी कविता बना लेते थे.. |

*अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म कब और कहाँ हुआ था? 
उत्तर:- अटल बिहारी बाजपेयी जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर जिले में एक छोटे से कस्बे में हुआ था यह जगह भारत देश में है|

*अटल बिहारी बाजपेयी जी के माता पिता का क्या नाम था? 
उत्तर:- अटल जी की माता का नाम कृष्णा देवी तथा पिता का नाम श्री कृष्ण बिहारी था जो कवि थे |

* बहुचर्चित पुस्तक अटल बिहारी बाजपेई किसने लिखी है? 
उत्तर:- अटल बिहारी बाजपेई पुस्तक के लेखक सागरिका घोष जी हैं जो एक पत्रकार है|

* अटल बिहारी वाजपेई कितनी बार प्रधानमंत्री बने थे? 
उत्तर:- अटल बिहारी वाजपेई भारत के 3 बार प्रधानमंत्री बने पता भी अलग अलग राज्य के सांसद रह चुके थे? 







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1 टिप्पणियाँ
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